अपने कर्मस्थली में उपेक्षित हो गये मुंशी नर्वदेश्वर लाल
रंग रोगन को तरस रही प्रतिमा,पार्क का अस्तित्व हुआ नष्ट नगर पंचायत की उदासीनता से लगा गंदगी का ढेर आजमगढ़ जनपद की सगड़ी विधानसभा को अपनी कर्मस्थली बना जनता जनार्दन की सेवा करने वाले महान साम्यवादी नेता मुंशी नर्वदेश्वर लाल अपनी कर्मस्थली में इस कदर उपेक्षित हुये कि उनकी एकमात्र निशानी उनकी प्रतिमा आज जीर्ण शीर्ण पड़ी हुई और वह पार्क जहां वह स्थापित है अपने अस्तित्व को खो चुका है। जीयनपुर नगर पंचायत ने उस पार्क की जमीन पर शौचालय बनवाकर हालत को बद से बदतर बना दिया है। गंदगी का ढेर बदबू और सड़ांध की वजह से अब उस स्थान की ओर कोई देखना तक पसंद नही करता। तत्कालीन आजमगढ़ वर्तमान मऊ के घोसी तहसील के भटमिल्ला गांव निवासी कामरेड मुंशी नर्वदेश्वर लाल श्रीवास्तव का जन्म वर्ष 1932 में हुआ । उन्होने घाघरा की मार से पीड़ित व राजनैतिक रूप से उपेक्षित सगड़ी विधानसभा को अपनी कर्मस्थली बनाया और नगर पंचायत जीयनपुर में निवास करने लगे। कामरेड मुंशी नर्वदेश्वर लाल हमेशा पीड़ितों, मजलूमों के अधिकारों के लिये संघर्ष करते रहे। कोई भी फरियादी उनके दरवाजे से निराश होकर नही गया। वो हर जरूरत मं...