हिन्दू मुस्लिम के आस्था के केंद्र है बाबा लद्धा शाह
लद्धा शाह की मजार के सामने स्थित मनमन दाई , बाबा के मुतवल्ली बुल्ला शाह की मजार मनमन दाई के मजार पर चिराग जलाने के साथ हुआ उर्स का आगाज लगभग छह सौ सालों से जायरीनों के आस्था के केंद्र लद्धा शाह की मजार पर लगने वाला उर्स मनमन दाई के मजार पर चिराग जलाने से प्रारंभ हुआ। हजारों जायरीनों ने बाबा के मजार पर चादर चढ़ाई व मन्नतें मांगी। जीयनपुर स्थित हिंदू और मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा लद्धा शाह की मजार पर प्रति वर्ष मोहर्ररम की 21 वीं तारीख को एक विशाल उर्स लगता है। ऐसी मान्यता है कि लगभग छह सौं सालों से यह उर्स लगता चला आ रहा है। लद्धा शाह पर उर्स लगने के बाद ही मकदूम साहब के यहां उर्स लगता है। लद्धा शाह के करिश्में के लोग आज भी मूरीद हैं। कहा जाता है बाबा फकीरी मस्ती में रहते थे लोग समझ नही पाते थे कि वो एक वली हैं। तत्कालीन गुटबंदी की वजह से उनके विरोधियों ने यह फैसला किया कि उन्हे जीयनपुर में रहने नही देंगें। बाबा ने कहा कि वो रहेंगें तो जीयनपुर में ही। साजीशन बाबा को गांव के बाहर जगह दे दी गई बाबा वहीं रहने लगें कहा जाता है कि जब सर्वे हुआ तो बाबा के रहने की जगह ज...