.. इस तरह तो बन चुका आजमगढ़ में विश्वविद्यालय!
बहाना दर बहाना ... इस तरह तो बन चुका आजमगढ़ में विश्वविद्यालय! नेताओं और मंत्रियों की फौज लेकिन नही शुरू हो सकी प्रक्रिया आजमगढ़। अल्लामा शिब्ली नोमानी, कैफी आजमी, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध, आचार्य चंद्रबली पाण्डेय, पंडित छन्नूलाल मिश्र,पंडित लक्ष्मी नारायण मिश्र जी की धरती आजमगढ़ की बौद्धिकता का लोहा कौन नही मानता? जनपद की उर्वर धरती ने ऐसी मेधाओं को जन्म दिया है जो विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा बिखेरती रही हैं। वर्तमान में जनपद में विकास भी हो रहा है, सड़के बन रही हैं, पुल बन रहे हैं, नालियां, बिजली पानी सबके लिए काम हो रहा है,कंक्रीट के जंगलों के निर्माण के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। सरकार चाहती है तो कि उसके बनाये कंक्रीट के आशियाने में ऐसे लोग रहे हैं जो देखने में मनुष्य जैसे लगे लेकिन उनका मानसिक स्तर ऐसा हो कि वे कुछ सोच समझ नही सके । ऐसा इसलिये कहा जा रहा है कि हर चीज के लिए धन है लेकिन एक ऐसी जरूरत जिसके पूरी होने से आजमगढ़ियों का स्तर में उछाल आ जाय बस वही नही हो रहा है। आजमगढ़ में एक विश्वविद्यालय की मांग ...