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मार्च, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सत्ता की हनक या डीएम का रूतबा

सत्ता की हनक या डीएम का रूतबा  आजमगढ़। विकास खण्ड सठियांव के भगवानपुर गांव में भारत गैस एजेंसी की शाखा एक सामान्य व्यक्ति के नाम क्या हो गयी कि गांव के शासन सत्ता में पहुंच बनाने वालों ने निर्माण कार्य पर रोक लगवा दिया। यह आरोप लगाया है भगवानपुर गांव निवासी हरिनारायण यादव ने। हरिनारायण का कहना है कि मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में उन्ही के नाम पर झांसी के डीएम अनुराग यादव के परिजनों जो कि एक कैबिनेट मंत्री के रिश्तेदार हैं कि हिटलरशाही चल रही है।   हरिनारायण यादव ने बताया है कि भगवानपुर गांव में भारत गैस एजेंसी के लिए विज्ञापन निकला था। जिसकी सारी शर्तें पूरी करते हुए जिलाधिकारी झांसी अनुराग यादव की सगी बहन ममता यादव पुत्री लक्ष्मी नरायण यादव सेवानिवृत्त कोतवाल, चचेरे भाई पराग यादव पुत्र स्वर्गीय जगदीश नरायन, हरिनारायण पुत्र राम अवध, राकेश पुत्र चंद्रिका, अभय नारायण पुत्र बालचंद, करुणा यादव पुत्री सीताराम, मनीष पुत्र सीताराम, राधेश्याम पुत्र कैलाश, चंद्रशेखर पुत्र अवधेश, अजय सहित  12 लोगों ने आवेदन किया था जिसमें किसी कारणवश 3 आवेदन निरस्त कर ...

असमंजस के भंवर में बार्डर अंक वाले टीईटी अभ्यर्थी

असमंजस के भंवर  में बार्डर अंक वाले टीईटी अभ्यर्थी चयन से वंचित न हों सो करा रहे कई जिलों में काउंसलिंग चौथी काउंसलिंग प्रारम्भ  अफरा-तफरी का माहौल आजमगढ़। 72825 शिक्षकों की भर्ती  को लेकर शुक्रवार को चौथी काउंसलिंग प्रारम्भ  हुई। प्रदेश भर  के डायटों पर जबरदस्त अफरा-तफरी का माहोल रहा। सबसे ज्यादा असमंजस वे अभ्यर्थी रहे जिनका टीईटी अंक तीसरी काउंसलिंग में तय मेरिट के अंतिम पायदान पर रहे। इन अभ्यर्थियों को यह डर सता रहा है कि अगर उनसे अधिक टीईटी अंक वाला अभ्यर्थी अगर उनके जनपद में काउंसलिंग करवा लेता है तो उन्हे चयन से बाहर होना पड़ेगा। उन्हे किसी जनपद में स्थान दिया जायेगा या नही इस पर अभी  एससीईआरटी की ओर से कोई दिशा निर्देश जारी नही किये गये हैं। प्रदेश भर के जनपदों में शुक्रवार को शुरु हुई चौथी काउंसलिंग को लेकर पूरे दिन अफरा-तफरी का माहोल रहा। 9 जनवरी से शुरु हुई यह काउसंलिंग आगामी 10 व 11 जनवरी को होगी,12 जनवरी से तीन दिन तक सभी  वर्गो की महिला अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की जायेगी।  इस काउंसलिंग में सामान्य वर्ग के टीईटी अंक में 1...

बराक ओबामा के आगमन का होगा विरोध

बराक ओबामा के आगमन का होगा विरोध 24 को निकालेंगे प्रतिवाद मार्च आजमगढ़। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे वामपंथी दलों, सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआई माले के नेताओं के विरोध के स्वर पूर्वांचल के जनपद मुख्यालयों पर सुनाई देने लगी है। जनपद आजमगढ़ के मुख्यालय पर जुटे वामपंथी दलों, सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआई माले  के नेताओं ने सोमवार को बराक ओबामा को दुनियां में वर्चस्व कायम करने, राष्ट्रों की स्वतंत्रता, सम्प्रभुता को ध्वस्त करने, विश्व भर में मानव संसाधन और प्राकृतिक संपदा पर कब्जा करने के नापाक उद्देश्य का आपराधिकतौर पर पूरा करने में तल्लीन अमेरिकी साम्राज्यवाद का  सरगना बताया। भाकपा के इम्तियाज बेग, भा कपा माले के जयप्रकाश नारायण, सीपीएम के जिया लाल सहित पूर्व विधायक कामरेड रामजग, अफजल हुसेन, गुलाब मौर्य  आदि ने बराक ओबामा को भारत आमंत्रित करके उन्हें भारतीय स्वतंत्रता, संप्रभुता और लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रतीक गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाये जाने के फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की गयी।  आजमगढ़ में जुटे नेताओं ने इस  फैसले को ...

.. लो जी अब ईवीएम मशीन की शव यात्रा !

.. लो जी अब ईवीएम मशीन की शव यात्रा ! बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय कार्यक्रम अन्तर्गत भारत के 31 राज्यों में 550 जिलों एवं चार हजार तहसीलों में एक साथ इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ईवीएम की शवयात्रा निकाली गई। शव यात्रा निकालने वाले बहुजन मुक्ति पार्टी का यह तर्क था कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में फिक्सिंग की जा रही है। शव यात्रा निकालने के साथ-साथ ईवीएम का पुतला जलाते हुए मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए पेपर ट्रेल  की मांग की गयी। बहुजन मुक्ति पार्टी के पदाधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के नेता डा.सुब्रमण्यम स्वामी के उस मुकदमे का  उल्लेख किया जिसे उन्होंने वर्ष 2012 में दिल्ली हाईकोर्ट तदुपरांत 2012 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। सुब्रमण्यम ने 2009 के चुनाव में ईवीएम में घोटाला करके कांग्रेस को चुनाव जीतने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के 8 अक्टूबर 2000 को दिये गये एक निर्णय के पैरा नम्बर 29 की  चर्चा की गयी जिसमें यह कहा गया कि मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए पेपर ट्रेल  अनिवार्य है। ईवीएम की अर्थी उठाओ अभियान के तहत आजमगढ़ जनपद के सदर तहसील यूनिट द्वारा...

.. आखिर हार ही गये रण वीर!

.. आखिर हार ही गये रण वीर! आजमगढ़ के जिलाधिकारी रहे आई. ए. एस. रणवीर प्रसाद को सत्ताधारी नेताओं के दबाव में हटाने के विरोध में जबरदस्त आंदोलन अधिवक्ता व समाजसेवी संगठन उतरे सड़क पर सत्ताधारी नेता के दबाव मे किया गया प्रतिक्षारत नेता के खास ठेकेदार को किया था ब्लैक लिस्टेड आजमगढ़। एक तरफ मुलायम सिंह यादव यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर अखिलेश लूट खसोट में लगे मंत्रियों को हटाते क्यों नही हैं? दूसरी ओर उन्ही के संसदीय क्षेत्र में जिलाधिकारी के रुप में तैनात एक ईमानदार आई ए एस रणवीर प्रसाद को 6 माह के अंदर ही महज इसलिये ट्रांसफर करते हुए प्रतिक्षारत कर दिया गया कि उन्होने सपा मुखिया के  क्षेत्र में सड़क निर्माण व अन्य विकास कार्यों  में धांधली को चलने नही दिया। चर्चा के अनुसार जनपद से पहली बार मंत्री बने एक सत्ताधारी नेता के दबाव की वजह से उन्हे हटना पड़ा। आई ए एस रणवीर प्रसाद को ईमानदारी का ईनाम उन्हे किसी जिले का चार्ज मिले बिना प्रतिक्षारत होकर चुकाना पड़ा। रणवीर प्रसाद के स्थानांतरण को रद करने की मांग को लेकर आजमगढ़ में जबरदस्त आंदोलन छेड़ दिया गया है। अधिवक्ताओं व समाजसेवी संगठनों...

मोदी को जवाब होगी मुलायम की रैली!

मोदी को जवाब होगी मुलायम की रैली! विकास कार्यों में आगे निकलने की होगी होड़ काशी से कम नही होगी आजमगढ़ की रौनक आजमगढ़। वर्तमान में राजनीति को लोग अच्छी निगाहों से नही देखते लेकिन यही राजनीति अगर विकास के लिए समर्पित हो जाय तो इससे अच्छी चीज भी  कोई नही है। आम आदमी के दिलों में उठने वाले इन उदगारों का नजारा इन दिनों पूर्वांचल में दिख रहा है। देश की सियासत के दो बड़े सुरमाओं की चहल कदमी ने अचानक से पूर्वांचल की राजनीति की पटकथा ही बदल दी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी का वाराणसी से चुना जाना व तीसरे मोर्चे की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार रहे मुलायम सिंह यादव का आजमगढ़ से चुना जाना एक ऐसी घटना रही है जो पूर्वांचल की दशा और दिशा बदल सकती है। वर्तमान में दोनो पार्टियों में एक दूसरे से विकास के मुद्दे पर आगे निकलने की  होड़ मच चुकी है। भाजपा काशी को क्योटो बनाने पर तुली है तो समाजवादी पार्टी अपने गढ़ आजमगढ़ की रौनक कहीं से भी  कम नही होने देना चाहती। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने गत दिनों आजमगढ़ के सांसद मुलायम सिंह लापता के पोस्टर लगाकर एक विमर्श को बढ़ा दिय...

आजमगढ़िये के गीत पर बर्लिन में थिरके फिरंगी

आजमगढ़िये के गीत  पर बर्लिन में थिरके फिरंगी 65 वें बर्लिन फिल्म महोत्सव में द ग्रैंड  प्रिक्स पुरस्कार जीतने वाली 'धनक' आजमगढ़। एक आजमगढ़िये के गीतों पर अगर फिरंगी थिरक रहें हों सोचिये कैसा शानदार नजारा रहा होगा वह। जी हां यह हुआ है 65 वें बर्लिन फिल्म महोत्सव 'बर्लिनाले' में । दुनिया के सबसे बड़े फिल्म महोत्सव में प्रसिद्ध फिल्मकार नागेश कुकुनूर की फिल्म धनक की स्क्रीनिंग व वर्ल्ड प्रीमियर हुआ ही साथ ही इस फिल्म ने द गैं्रड प्रिक्स पुरस्कार जीता है। इस फिल्म के एक मात्र गीत के बोल लिखे हैं आजमगढ़ के मनोज यादव ने। मनोज यादव के गीतों पर बर्लिन व बर्लिन में जुटे लोग थिरक उठे। आजमगढ़ जनपद के सगड़ी तहसील के भरौली गांव निवासी मनोज यादव वही  मनोज यादव ने जिन्होने विश्वकप 2011 का प्रमोशन सांग दे घुमा के लिखकर प्रसिद्धी हासिल की थी। नागेश कुकुनूर के साथ मनोज की यह दूसरी  फिल्म थी। इसके पहले वह लक्ष्मी फिल्म में एक साथ काम कर चुके थे। 'धनक' फिल्म की कहानी एक दस साल की राजस्थानी लड़की के इर्द गिर्द घूमती है जिसका भाई नेत्रहीन है जो आठ साल का है। उसकी बहन ने कह रखा है कि...

आजमगढ़ में मोबाइल की रोशनी में हुआ नसबंदी का आपरेशन

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आजमगढ़ में मोबाइल की रोशनी में हुआ नसबंदी का आपरेशन चार घंटे में 60 महिलाओं का किया आपरेशन महिलाओं की जिन्दगी से खेल रहा स्वास्थ्य विभाग ४.५  मिनट में हुआ एक की नसबंदी नसबंदी में लापरवाही से हो चुकी हैं कई मौतें आजमगढ़। महिलाओं की नसबंदी में हो चुकी मौतों से स्वास्थ्य विभाग कोई सबक नहीं ले रहा है। अभी  कुछ माह पूर्व ही छत्तीसगढ़ विलासपुर जनपद के तखतपुर ब्लाक  में दर्जनों महिलाएं नसबंदी कराने के बाद काल के गाल में समा गयीं। समुचित व्यवस्था देने का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग शुक्रवार को आजमगढ़ जनपद के मार्टिनगंज में साढ़े  चार घंटे में 60 महिलाओं का आपरेशन कर दिया। अस्पताल में रोशनी की व्यवस्था नही थी तो शाम होते ही चिकित्सकों ने मोबाइल की  रोशनी में सर्जरी शुरु कर दी। जनपद के मार्टिनगंज ब्लाक में शुक्रवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें नसबंदी के लिए 60 महिलाओं का पंजीयन हुआ था। डा.एसपी तिवारी के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम अपराह्न 3.30 बजे मार्टिनगंज ब्लाक पर पहुंची उसके बाद आपरेशन शुरु हुआ जो रात करीब 8 बजे तक चला। अस्पताल में ...

.. घर नही आये बलम कहां रैन बिताये

.. घर नही आये बलम कहां रैन बिताये नही सुनाई देती परम्परागत फगुआ के बोल आजमगढ़। आम के अमराईयों की फिजा में तैरती खुशबू, पेड़ से गिरते पत्ते व नये के आने की आहट, खेतों मे छाई पियराई के बीच फागुन मास के आगमन के साथ गूजने वाले फगुआ व चौताल के बोल अब गायब हो गये हैं। विलुत्प होती परम्पराआें को सहेजने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर हैं उन्हे इनकी मिठास तक का आभास नही है। शिवरात्रि के पर्व के साथ गांवों के ढोल व मजीरे की थाप सुनाई देने लगती थी। गांव के अड़ी बाजों की टोली निकल पड़ती थी । क्या अमीर क्या गरीब सबके घर होली  के गीत के बोल होली से पहले ही लोगों के अर्न्तमन को सराबोर कर देते थे।  परम्परागत फगुआ के बोल कानों में रस घोलने लगते थे।  ..करवट देत लेत मुख चूमत थिर होई जात उताने बलम के कोरवां लपटाने  .. .. .. .. .. भोरवें घर नही आये बलम कहां रैन बिताये.. .. .. चार महिना गड़कले, चार महीना टपकेला नही आये पिया मोर मरल यौवनवा पर पाला पिया नही आये मोर.. .. .. जैसे श्रृगांरिक गीतों के साथ ही बोल बोले जाते थे जो कवित्त से भरे होते थे। कवित्त के माध्यम से गायकों की टोलियों में सव...