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उर्दू के जाने माने लोकप्रिय शायर मुनव्वर राणा को वर्ष 2014 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है.
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उर्दू के जाने माने लोकप्रिय शायर मुनव्वर राणा को वर्ष 2014 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है. ये पुरस्कार कई भाषाओं में रचनाओं को दिए जाते हैं और इस वर्ष हिंदी के रचनाकार रमेश चंद्र शाह को उनके उपन्यास विनायक के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा. राणा कई मुद्दों पर अपने शेरों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनकी मां पर लिखी गई नज़्में बेहद लोकप्रिय रही हैं. राणा को उनके काव्य संग्रह शाहदाबा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा. 22 भाषाओं में पुरस्कार अंग्रेज़ी में ये पुरस्कार इस वर्ष आदिल जस्सावाला को दिया जाएगा उनके कविता संग्रह ट्राईंग टू से गुडबाय के लिए. मणिपुरी और संस्कृत में पुरस्कार बाद में दिए जाएँगे. समरोह नौ मार्च को अगले साल होगा.
लबो पर उसके कभी बददुआ नहीं होती
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लबो पर उसके कभी बददुआ नहीं होती बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है ए अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया माँ ने आँखें खोल दी घर में उजाला हो गया मेरी ख्वाहिश* है की मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊँ माँ से इस तरह लिपटूँ कि बच्चा हो जाऊँ माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिंदी मुस्कराती है
हवा में उड़ गई लिंगदोह समिति की सिफारिशें!
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हवा में उड़ गई लिंगदोह समिति की सिफारिशें! स्थानीय दखलदांजी ने किया छात्र राजनीति का बंटाधार पावर और मनी का खेल बनी स्टूडेंट पालीटिक्स पानी की तरह बहा रहे पैसा अन्य पार्टियों का मिल रहा सहयोग प्रचार को दौड़ रही लक्जरी गाड़ियां, बाइक जुलूस से दिखा रहे हनक आजमगढ़। उम्मीदवार सिर्फ 5000 रूपए तक ही खर्च कर सकता है। उम्मीदवार को चुनाव बाद दो सप्ताह के भीतर चुनाव अधिकारी को खर्च के अंकेक्षित लेखे प्रस्तुत करने होगेंं। अधिक खर्च पाए जाने पर उम्मीदवार का चुनाव रद्द किए जाने का प्रावधान। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार या उनके संगठन राजनीतिक दलों से चन्दा नहीं ले सकते। चुनावों में प्रचार के लिए हाथ से बनाए गए पोस्टर ही काम में लिए जा सकते हैं, छपे हुए नहीं। इनका उपयोग भी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय द्वारा अधिसूचित स्थानों पर ही उपयोग हो सकेगा। चुनाव के प्रचार में लाउडस्पीकर या वाहनों का उपयोग नहीं हो सकता। विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के बाहर कोई भी उम्मीदवार रैलियां या सभा नहीं कर सकता। शिक्षण संस्थान के बाहर प्रचार सामग्री •ाी वितरित नहीं की जा सकती। विश्वविद्यालय या ...
मार्सवन मिशन के संभावितों में आजमगढ़ का जीनियस भी डा. भूपेंद्र सिंह हैं सगड़ी तहसील के छपरा के निवासी 28 नवम्बर को डा.भूपेंद्र सिंह का नाम प्रकाश के वेग से भे जा गया मंगल ग्रह को
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मार्सवन मिशन के संभावितों में आजमगढ़ का जीनियस भी डा. भूपेंद्र सिंह हैं सगड़ी तहसील के छपरा के निवासी 28 नवम्बर को डा.भूपेंद्र सिंह का नाम प्रकाश के वेग से भे जा गया मंगल ग्रह को आजमगढ़। इस खित्तये आजमगढ़ को फैजाने तजल्ली है जो जर्रा यहां से उठता है वह नैयरे आजम होता है। जनपद की माटी की तासीर ही ऐसी है कि यहां कि प्रतिभायें विश्वस्तर पर अपना और अपने देश का नाम रौशन करती हैं। जनपद के एक जीनियस डा. भूपेंद्र सिंह मार्स वन मिशन के लिए अब तक सलेक्ट किये गये 663 एस्ट्रोनाट में से एक हैं। पूरे विश्व से महज 24 लोगों को सलेक्ट किया जायेगा जो क्रमवार मंगल ग्रह पर बसने वाली कालोनी के लिए क्रम से हर दूसरे वर्ष भेजे जायेगें। नासा के पहले मार्स मिशन नासा मार्नियर 4 जो 28 नवम्बर 1964 को प्रारम्भ हुआ था के पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में डा. भूपेंद्र का नाम रेडियो के द्वारा प्रकाश के वेग से मंगल ग्रह के लिए भेजा गया है। मार्सवन मिशन के संस्थापक डच कारोबारी बास लैंसडार्प हैं। मंगल ग्रह पर जाने वहां कालोनी बसाने के इस योजना के लिए इस अभियान के संचालकों के आह्वाहन...
मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको / अदम गोंडवी - कविता कोश
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मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको / अदम गोंडवी
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आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर मर गई फुलिया बिचारी इक कुएँ में डूब कर है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरी आ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी चल रही है छंद के आयाम को देती दिशा मैं इसे कहता हूँ सरजूपार की मोनालिसा कैसी यह भयभीत है हिरनी-सी घबराई हुई लग रही जैसे कली बेला की कुम्हलाई हुई कल को यह वाचाल थी पर आज कैसी मौन है जानते हो इसकी ख़ामोशी का कारण कौन है थे यही सावन के दिन हरखू गया था हाट को सो रही बूढ़ी ओसारे में बिछाए खाट को डूबती सूरज की किरनें खेलती थीं रेत से घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से आ रही थी वह चली खोई हुई जज्बात में क्या पता उसको कि कोई भेड़ि़या है घात में होनी से बेख़बर कृष्ना बेख़बर राहों में थी मोड़ पर घूमी तो देखा अजनबी बाहों में थी चीख़ निकली भी तो होठों में ही घुट कर रह गई छटपटाई पहले, फिर ढीली पड़ी, फिर ढह गई दिन तो सरजू के कछारों में था कब का ढल गया वासना की आग में कौमार्य उसका जल गया और उस दिन ये हवेली हँस रही थी मौज में होश में आई तो कृष्ना थी पित...
परीवहन विभाग के अधिकारी ने नही बिकने दी किसान की फसल प्राईवेट कांटे पर तौल कराकर अधिकारिपरियों ने कहा ओवरलोड सरकारी काटें पर तौल पर किसान माल निकली अंडर लोड
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परीवहन विभाग के अधिकारी ने नही बिकने दी किसान की फसल प्राईवेट कांटे पर तौल कराकर अधिकारिपरियों ने कहा ओवरलोड सरकारी काटें पर तौल पर किसान माल निकली अंडर लोड आजमगढ़। परिवहनविभाग के लूट खसोट से कौन नहीं परिचित है? लेकिन अगर यह विभाग अपने मंत्री के जिले में किसानों को भी लूटने पर आमादा हो जाय तो यह कहना कि वर्तमान प्रदेश सरकार किसानों के लिए काम कर रही है, बेमानी साबित होगी। गुरुवार को कुछ ऐसा ही वाकया प्रकाश में आया। सपा के मुखिया किसानों और मुसलमानों के हिमायती माने जाते हैं। अपने भाषणों में वह अक्सर इस बात का जिक्र भी करते हैं। लेकि न इस समाजवादी सरकार के परिवहन मंत्री के जिले के परिवहन विभाग के अधिकारियों को सरकार की नीतियों और सोच का जरा सा भी ख्याल नही रहा। जालौन निवासी एक किसान रहमत खान जनपद जालौन से अपनी मटर की खेप लेकर बालाजी ट्रेडिंग के यहां पहुंचा। जनपद के भंवरनाथ चौराहे पर परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने गाड़ी को रोकवा लिया। ओवरलोडिंग का आरोप लगाते हुए अधिकारी ने किसान को अपनी धौंस में लेन...
परिवहन विभाग के अधिकारी ने नही बिकने दी किसान की फसल प्राईवेट कांटे पर तौल कराकर अधिकारियों ने कहा ओवरलोड सरकारी काटें पर तौल पर किसान माल निकली अंडर लोड
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बीसों भागों में बटे चेहरे को चिकित्सकों ने जोड़ा लाइफ लाइन की ट्रामा टीम ने किया कारनामा
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बीसों भागों में बटे चेहरे को चिकित्सकों ने जोड़ा लाइफ लाइन की ट्रामा टीम ने किया कारनामा आजमगढ़। कहते हैं कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है, एक सड़क हादसे में 15 दिन पूर्व अपने चेहरे का दाहिना हिस्सापूरी तरह गंवा बैठी एक महिला जिसके चेहरे के बीसों टुकड़े हुए थे, नाक दो जगहों से कट कर अलग हो चुकी थी के परिजन भी उसके जीवन की आस छोड़ चुके थे ऐसे में जनपद के लाइफ लाइन हास्पीटल के चिकित्सकों की विशेषज्ञ टीम ने अपने कठिन परिश्रम के बल पर न केवल उसके जीवन की रक्षा की वरन उसे 15 दिनों के अंदर इस लायक बना दिया कि वह अपने दो मासूमों की परवरिश पुराने तरीके से कर सके। निजामाबाद तहसील के अनुसईदपुर गांव निवासी ऊधम सिंह अपनी पत्नी कुसुम के साथ 24 नवम्बर को शहर स्थित अपने आवास से बाइक से निकले ही थे कि तेज रफ्तार मैजिक गाड़ी ने उनकी बाइक को धक्का मार दिया और दंपति को रौंदते हुए भाग निकली। दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि कुसुम के चेहरे का दांया हिस्सा आंख सहित मांस के लोथड़े में तब्दील हो गया। हड्डियां टूट कर लटक गयीं। बीसों टुकड़ों में चेहरा बदल गया औ...
नि: संतान दम्पतियों व बच्चों के लिए वरदान होगा मेडीसीटी हास्पीटल
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नि: संतान दम्पतियों व बच्चों के लिए वरदान होगा मेडीसीटी हास्पीटल शहर के बेलईसा में समारोह पूर्वक उद्घाटन जनपद वासियों को मिली अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की सौगात आजमगढ़। शहर के बेलइसा सब्जी मण्डी के पास मेडीसिटी हास्पीटल का उद्घाटन के साथ जनपद पूर्वांचल के चिकित्सा क्षेत्र का हब बनने की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मेडीसीटी हास्पीटल नि:संतान दम्पतियों के लिए वरदान साबित होगी। जनपद में बाल रोग विशेषज्ञों की कमी अर्से से महसूस की जा रही थी, इस शुरुआत के साथ यह कमी भी पूरी हो जायेगी। बुधवार को शहर के बेलइसा में मेडीसीटी हास्पीटल का उद्घाटन समारोह पूर्वक हुआ। चिकित्सक दम्पति डा. मनीष बर्नवाल जहां एमडी पिडियाट्रिक्स हैं वहीं डा. पूनम बर्नवाल एमएस गायनी हैं। चिकित्सक दंपति मूलत: जनपद के फूलपुर तहसील के निवासी हैं। चिकित्सक बन कर देश व समाज सेवा करने का जज्बा संजोयें यह दम्पति देश के कई बड़े शहरों में अपनी सेवायें देने के बाद अपने जनपद के लोगों की आजीवन सेवा करने की ठानी है। इसी सोच व धा...
अमर हो गया मौलिया का लाल, अर्पित की गई श्रद्धांजलि शहीद नायक पन्नालाल अमर रहे के जयकारे से गूंजा पूरा क्षेत्र श्रीनगर के उरी सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ मेंं हुए थे शहीद
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अमर हो गया मौलिया का लाल, अर्पित की गई श्रद्धांजलि शहीद नायक पन्नालाल अमर रहे के जयकारे से गूंजा पूरा क्षेत्र श्रीनगर के उरी सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ मेंं हुए थे शहीद बोंगरिया। श्रीनगर के उरी सेक्टर में आतंकवादियों से मुठ•ोड़ के दौरान शहीद हुए जनपद के मेंहनगर क्षेत्र के मौलियां गांव निवासी नायक पन्नालाल यादव का शव जैसे ही जनपद उनके पैतृक गांव पहुंचा अपने लाल के अंतिम दर्शनों को पूरा जनपद उमड़ पड़ा। •ाारत माता की जय व शहीद पन्नालाल अमर रहें के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। जवानों ने मातमी धुन बजाई व सलामी दी। राज्य सरकार की ओर से परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव तथा जिलाधिकारी रणवीर प्रसाद व एसपी दिनेश चंद दूबे ने शहीद के पिता को ढाढस बंधाया तथा अपनी सलामी दी। शहीद पन्नालाल 31 बटालियन फिल्ड रेजिमेन्ट में तोप चलाने का काम करते थे। बुनिआर क्षेत्र में आतंकियों के हमले में शुक्रवार की सुबह 3:15 पर पांच जवान शहीद हो गए। जिसमें नायक पन्नालाल •ाी रहे। जबाबी कार्यवाही में 6 आतंकियों को मार गिराने वाली टीम में शहीद पन्नालाल •ाी शामिल रहे। शहीद नायक पन्नालाल का...
नही चेता उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री के जिले का विभाग
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नही चेता उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री के जिले का विभाग पूरे दिन मासूमों की जान को जोखिम में डालने का जारी रहा कृत्य दस बीस की जान शायद चली जाय तो शायद जाग जाय प्रशासन आजमगढ़। सूब के परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के जिले का परिवहन विभाग मऊ हादसे के बाद भी नहीं चेता। सुबह से लेकर शाम तक अवैध स्कूली वाहन बच्चों की जान जोखिम में डालने का दुष्कृत्य करते रहें। शायद आजमगढ़ के प्रशासन को मऊ से भी बड़ी घटना का इंतजार है। जनपद के परिवहन विभाग की कुम्भकर्णी निद्रा इतनी बड़ी घटना के बाद नहीं टूटी। विभाग में दलालों का खेल जारी रहा। निर्मोही अधिकारियों के माथे पर शिकन तक नही रही। न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही किसी कार्रवाई का असर दिखा। मऊ में स्कूली वैन में ठूस कर ले जाये जा रहे स्कूली बच्चों की मानव रहित क्रासिंग पर ट्रेन से टकराने की घटना के बाद सूबे के परिवहन मंत्री राज्य सरकार के निर्देश पर मऊ पहुंचने वाले मंत्रियों मे सबसे पहले सदस्य रहे। पड़ोसी जनपद का निवासी होने के कारण नैतिकता की वजह से वह ...
. ..सब सजा उसके लिए जिसकी खता कुछ भी नही
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दौर ऐसा आ गया कातिल की सजा कुछ भी नही सब सजा उसके लिए जिसकी खता कुछ भी नही मऊ जनपद के खुरहट में हुए ट्रेन से स्कूली वैन के टक्कर के हादसे ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर इन हादसों का असल जिम्मेदार कौन है? जिन घरों के चिराग बुझे हैं और जो दिये रौशनी बिखरने के लिए अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं उनको इस हालत में पहुंचाने का असली गुनाहगार कौन है? मानव रहित क्रासिंग, ईयर फोन, स्कूल प्रबंधन, परिवहन विभाग ,शिक्षा विभाग या फिर जिला प्रशासन जिसके नाक के नीचे मासूमों की जान का सौदा किया जाता है किसे जिम्मेदार माना जाय। मुआवजे की रकम तो घायल बच्चों की इलाज पर ही खर्च हो जायेगी लेकिन जिनके घर के चिराग बुझे हैं क्या मुआवजे की रकम उन घरों को रौशन कर पायेगी? पूरे प्रदेश में ऐसे लाखो अवैध स्कूल चल रहे हैं जो मासूमों को मौत की सवारी करने को मजबूर करते हैं। स्कूल अगर अवैध न हो तो भी उनकी बच्चों को ले आने ले जाने क...
.. यहां जुम्मन के घर में आज फूटी रकाबी है
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.. यहां जुम्मन के घर में आज फूटी रकाबी है जनपद के विकास का सच नहीं देखता कोई हाकिम जनपद के युवाओं को नही दिख रही आशा की किरण बेरोजगारी की समस्या ज्यों की त्यों 40 लाख की आबादी सबसे बड़ी समस्या पर नही हुई है कोई पहल आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद अब केवल एक मंडल मुख्यालय नही रह गया है अब यह समाजवादी पार्टी जिसकी सरकार प्रदेश में है के सुप्रिमों मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र है। नेता जी ने देर से ही तमौली गांव को गोद लेकर प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही आदर्श सांसद ग्राम योजना का सम्मान ही किया। लेकिन इसके साथ साथ ही जनपद की शेष बची 1616 ग्राम पंचायतें आशा भरी निगाहों से समाजवादी मुखिया की ओर निहार रही हैं। ऐसी बात नही है कि इन ग्राम पंचायतों के विकास के लिए योजनायें नही हैं योजनायें तो हैं लेकिन उन पर अमल कितना हुआ यह देखने के लिए किसी के पास मौका नही है। न तो माननीयों के पास न ही हाकिमों के पास। हाकिम तो देखने से बचते हैं क्योंकि विकास निधि का एक बड़ा हिस्सा कमीशन के रुप में उनकी जेबें जो भरता है। गत दिनों मुलायम सिंह यादव की फटकार के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ...